रविवार, 24 दिसंबर 2017

सुरीली आवाज के समन्दर रफी साहब का 93 वां जन्मदिन आज...

आवाज की दुनिया के बेताज बादशाह मोहम्मद रफ़ी या जिन्हें दुनिया रफ़ी साहब के नाम से बुलाती है का आज 93वां जन्मदिवस है. इस मौके पर गूगल ने एक खास डूडल बनाकर उनको समर्पित किया है. मोहम्मद रफ़ी का जन्म 24 दिसंबर 1924 को पंजाब के कोटला सुल्तान सिंह गांव में एक मध्यम वर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ था. आप को ये जानकर हैरानी होगी कि इतने बडे़ आवाज के जादूगर को संगीत की प्रेरणा एक फकीर से मिली थी. कहते हैं जब रफ़ी छोटे थे तब इनके बड़े भाई की नाई दुकान थी, रफ़ी का ज्यादातर वक्त वहीं पर गुजरता था. रफ़ी जब सात साल के थे तो वे अपने बड़े भाई की दुकान से होकर गुजरने वाले एक फकीर का पीछा किया करते थे जो उधर से गाते हुए जाया करता था. उसकी आवाज रफ़ी को अच्छी लगती थी और रफ़ी उसकी नकल किया करते थे. उनकी नकल में अव्वलता को देखकर लोगों को उनकी आवाज भी पसन्द आने लगी. लोग नाई दुकान में उनके गाने की प्रशंशा करने लगे. लेकिन इससे रफ़ी को स्थानीय ख्याति के अतिरिक्त और कुछ नहीं मिला. रफ़ी के बड़े भाई हमीद ने मोहम्मद रफ़ी के मन मे संगीत के प्रति बढ़ते रूझान को पहचान लिया था और उन्हें इस राह पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया था. 

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