पोषाल और आसपास के क्षेत्रों में इस साल बादल रूठे रूठे से बिन बरसे ही जा रहे थे , हालांकि कहीं कहीं बरसात अच्छी हुई थी पर इतनी भी नहीं कि फसल पकने तक पर्याप्त हो । अगस्त में सक्रिय हुए मानसून ने काफी गांवों के किसानों को मायूस कीया पर उनकी मायूसी इस बार रौनक में बदल गई और रविवार शाम को 4बजे शुरू हुई बरसात देर रात 1 बजे तक चली और पिछले कई दिनों से सूखे पड़े इलाकों को तर बतर कर दिया ।