बाड़मेर| मालानी ट्रेन के आगै कूदकर जान देने वाले युवक की जान शायद बच सकती थी ,अगर युवक द्वारा बार-बार की गई फेसबुक पोस्ट और अपने मित्र से मेसेंजर पर हुई बातचीत को परिवारजन और उनके दोस्त गंभीरता से लेकर समझाइश करते, खैर जो भी हुआ गलत हुआ | मैं परिवार और दोस्तों को दोषी नहीं मानता हूं, मौत के बाद हम कई तरह की बातें करते हैं पर जो कुछ घटित होना था वो हो चुका था|
गणपत डोगियाल द्वारा डाली गई ज्यातर पोस्ट sad feeling वाली थी , जिसे देखकर लगा कि कुछ ख्वाहिश रही होगी जो पूरी नहीं हुई और उसके पूरे होने की बजाय उसे धोखा मिला हो|
दर्द भरे लहजे में लिखी गई पोस्ट उस आदमी के गुजरने के बाद पढने वालों का भी कलेजा चीर रही है , एेसा क्या कारण था वो शायद वही जानता हो...
चन्द दिन पहले हुए हरीश जाखड़ मर्डर के सदमे से उबरे ही नहीं थे कि एक और तारा टूट गया...!
सोमवार, 26 फ़रवरी 2018
हर बार फीलिंग Sad से डाली पोस्ट , आखिरी दिन भी मित्र से हुई चैट में भावुक ....!
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