सोमवार, 26 फ़रवरी 2018

हर बार फीलिंग Sad से डाली पोस्ट , आखिरी दिन भी मित्र से हुई चैट में भावुक ....!

बाड़मेर| मालानी ट्रेन के आगै कूदकर जान देने वाले युवक की जान शायद बच सकती थी ,अगर युवक द्वारा बार-बार की गई फेसबुक पोस्ट और अपने मित्र से मेसेंजर पर हुई बातचीत को परिवारजन और उनके दोस्त गंभीरता से लेकर समझाइश करते, खैर जो भी हुआ गलत हुआ | मैं परिवार और दोस्तों को दोषी नहीं मानता हूं, मौत के बाद हम कई तरह की बातें करते हैं पर जो कुछ घटित होना था वो हो चुका था|
गणपत डोगियाल द्वारा डाली गई ज्यातर पोस्ट sad feeling वाली थी , जिसे देखकर लगा कि कुछ ख्वाहिश रही होगी जो पूरी नहीं हुई और उसके पूरे होने की बजाय उसे धोखा मिला हो|
दर्द भरे लहजे में लिखी गई पोस्ट उस आदमी के गुजरने के बाद पढने वालों का भी कलेजा चीर रही है , एेसा क्या कारण था वो शायद वही जानता हो...
चन्द दिन पहले हुए हरीश जाखड़ मर्डर के सदमे से उबरे ही नहीं थे कि एक और तारा टूट गया...!

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