शिव । अकाल की आहट के बीच पशुधन के चारे की उम्मीद लिए बैठे किसानों की निगाहें सितंबर मे सक्रिय मानसून पर थी ,जो फिलहाल टूटती नजर आ रही है ।सितम्बर की शुरुआत हल्की बूंदाबांदी से हुई जोकि पशुपालकों के लिए अच्छे संकेत नहीं है । पर्याप्त बरसात न होने के कारण बुवाई के समय बोई हुई फसलें भी अब आधी से ज्यादा जल चुकी है । पश्चिमी राजस्थान एक बार फिर भीषण अकाल का सामना करने जा रहा है ।
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