गुरुवार, 9 दिसंबर 2021

स्वच्छता की सीख देने वाले विद्यालयों की ये हालत ?

 

शिव तहसील की ग्राम पंचायत पोषाल के राजकीय उच्च माद्यमिक विद्यालय पोषाल में बने शौचालयों की गंदगी ब्लॉक के सरकारी शौचालयों की सफाई व्यवस्था को आइना दिखा रही हैं। बच्चों को शिक्षा से मिलने वाली साफ-सफाई की सीख स्कूल में बेमानी हो गई है। स्कूल में शौचालयों की हालत बदतर है।  शिक्षकों के वेतन पर मासिक करोडों से अधिक खर्च करने वाले बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में सफाई कर्मचारी की कमी है।  सरकार द्वारा विद्यालयों में बच्चों को किताबी शिक्षा के साथ ही स्वच्छता और साफ सफाई का पाठ पढ़ाया जाता है। वहीं विद्यालय के शौचालय में ही गंदगी का अंबार है और शिक्षक सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठा रहे हैं। यह हाल तब है जब कोरोना जैसा  संक्रामक रोग तेजी फैल रहा हैं।  गंदगी की भरमार कभी भी बच्चों में संक्रामक रोगों का कारण बन सकती है। उसके बाद भी सफाई न कराया जाना अभिभावकों की चिंता बढ़ाए है। सरकार द्वारा शौचालय सफाई एवं अन्य गतिविधियों के खर्च का बजट स्कूल को दिया जाता हैं पर विद्यार्थियों की अनुशासनहीनता और शिक्षकों के सफाई व्यवस्था पर ध्यान न देने से विद्यालय के शौचालय में बने यूरीनल्स में रखी ईंटे और पास पसरा गंदगी का ढ़ेर व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है
शौचालय में लगाए गए वाल हेंगिंग यूरिनल में रखी ईंटें

पास में एक और यूरिनल में रखा किताब का टुकड़ा
दोनो यूरिनल उपयोग में लिए जाते है पर सफाई की जगह शरारत ।

2 टिप्‍पणियां:

  1. बिल्कुल राइट बात यहां पर अनुशासन और स्वस्था की कोई बात ही नहीं है सभी मास्टर अपनी मर्जी से घूम रहे हैं और बच्चे भी अपनी मर्जी से घूम रहे हैं कोई किसी की देखरेख नहीं है नहीं कोई विद्यालय में ऐसा कोई ग्रामवासी है जो कि इनके बारे में कुछ बोल सकें

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