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गुरुवार, 14 अक्तूबर 2021
फीका रहा पोषाल में आयोजित प्रशासन गांव के संग अभियान का रंग ।
शिव । राज्य सरकार द्वारा गांधी जयंती पर शुरू किए गए प्रशाशन गांव के संग अभियान का उद्देश्य शायद उच्च पद पर विराजमान हर अधिकारी को गांव में उपस्थित रह कर जन समस्याओ को सुनकर उसका निराकरण करने और जन सुविधाओं से जुड़े कार्यों को एक ही पंडाल में पूर्ण करने का था । जिसमे एक दिन के लिए जिला स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक के कार्य करने वाले सभी विभागों के कर्मचारी एक दिन के लिए आम जन के बीच उपस्थित रहकर अपना कर्तव्य पालन करें । उद्देश्य के विपरीत अधिकारी गण विधायक महोदय के आने से पहले हम ही हम है तो क्या हम है वाले रौब के साथ कुर्सियों पर विराजित रहे हालांकि SDM साहब ने अलग अलग विभागों को सूचित कर के संबधित विभाग को अपने कार्य और योजनाओं से अवगत कराने का जरूर कहा पर तय समय से पहले सूचना और जागरूकता के अभाव में कुछ विभाग ऐसे रहे जिनकी योजनाओं और कार्य का लाभ लेने से लोग वंचित रहे । जनप्रतिनिधियों ने उपस्थित विभागों के अधिकारियों से निकटता दर्शाने के लिए भी लाख जतन किए,जहां जनप्रतिनिधियों का काम शिविर में उपस्थित लोगों को उनके कार्यो को कराने में सहायता की जरूरत थी वहां जनप्रतिनिधि अधिकारी और नेतागण की जी हुजूरी करने में लगे रहे । अगर शिविर का मकसद अधिकारियों का स्वागत समारोह करना और दिन भर उनके लिए जी हुजूरी करना ही है तो फिर ये काम अपने लाभ के लिए आम आदमी उनके कार्यालय जाकर भी हमेशा से करता आया है । कुल मिलाकर तालियां बटोरने वाला काम तो नहीं हुआ फिर भी एक राजनैतिक प्लेटफॉर्म को सींचने की कोशिश जरूर हुई ।
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