गुरुवार, 3 मार्च 2022

फसल खराबे पर मुआवजे के तहत 161 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति

बाड़मेर, 03 मार्च। जिले की बाड़मेर, नोखरा, शिव, धनाऊ, गुडामालानी, सिणधरी, सेड़वा, बायतु, धोरीमना, गिड़ा, कल्याणपुर, रामसर, सिवाना, चौहटन एवं पचपदरा तहसील क्षेत्रों के अभाव संवत 2078 के फसल खराबे से प्रभावित 167060 कृषकों को 1,61,49,35,240रूपये कृषि आदान अनुदान राशि दिये जाने की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई है।
जिला कलक्टर लोक बंधु ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा अभावग्रस्त घोषित क्षेत्रों के प्रभावित कृषकों को अभाव संवत् 2078 में कृषि आदान अनुदान राशि दिये जाने हेतु आपदा प्रबन्धन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग राजस्थान जयपुर द्वारा जारी दिशा निर्देशानुसार फसल खराबे से प्रभावित 1167060 कृषकों को 1,61,49,35,240रूपये कृषि आदान अनुदान राशि दिये जाने की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई है।
उन्होने बताया कि 33 से 50, 50 से 75 एवं 75 से 100 प्रतिशत फसल खराबा श्रेणी के बाड़मेर, नोखरा, शिव, धनाऊ, गुडामालानी, समदडी, सिणधरी, सेड़वा, बायतु, धोरीमना, गिड़ा, कल्याणपुर, रामसर, सिवाना, चौहटन, गडरारोड एवं पचपदरा तहसील क्षेत्रों केे 67695 एसएमएफ कृषकों को 360357977 रूपये तथा 33 से 50, 50 से 75 एवं 75 से 100 प्रतिशत फसल खराबा श्रेणी के बाड़मेर, नोखरा, शिव, धनाऊ, गुडामालानी, समदडी, सिणधरी, सेड़वा, बायतु, धोरीमना, गिड़ा, कल्याणपुर, रामसर, सिवाना, चौहटन, गडरारोड़ एवं पचपदरा तहसील क्षेत्रों केे 99365 अदर देन एसएमएफ कृषकों को 1254577263रूपये कृषि आदान अनुदान राशि दिये जाने की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई है।

शनिवार, 26 फ़रवरी 2022

जिला कलेक्टर ने किया नरेगा कार्यों का निरीक्षण अनियमितता पर बीडीओ को नोटिस , जेटीए पर कार्यवाही

बाड़मेर , 26 फरवरी। जिले में नरेगा के कार्यों की धरातल पर पड़ताल को शनिवार को जिला कलेक्टर लोक बंधु ने मौके पर पहुंच निरीक्षण किया एवं अनियमितताए पाए जाने पर जिम्मेदार कार्मिकों के विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए।
    जिला कलक्टर लोक बंधु ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू के साथ शनिवार को महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत प्रगतिरत कार्यो का व्यापक निरीक्षण किया गया है। उन्होंने सर्वप्रथम धनाऊ पंचायत समिति की तालसर पंचायत में ग्रेवल सड़क निर्माण गंगुपुरा से श्मशान घाट तक का निरीक्षण किया, निरीक्षण के समय 19 श्रमिक उपस्थित पाये गये तथा नियोजित श्रमिको द्वारा प्रति दिन किये गये कार्य की जाचं की गई। कलेक्टर ने यहां मेट तुलछाराम से पूर्व में किये कार्य की नाप, प्रति दिन की टास्क, श्रमिके के छाया, पानी, मेडिकल किट के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने विकास अधिकारी गोपाराम एवं तकनीकी सहायक जीयाराम द्वारा प्रगतिरत कार्य का समय पर निरीक्षण नही करने एवं कार्यो की गुणवत्ता में कमी होने के कारण उन्हें नोटिस जारी करने को कहा।
  बाद में जिला कलेक्टर ने बाड़मेर पंचायत समिति की बालेरा पंचायत में रड़वा में हेरल नाडी खुदाई कार्य का जायजा लिया। यहां निरीक्षण के समय कुल 60 श्रमिक उपस्थित पाये गये है। जिला कलेक्टर ने नाडी कार्य पर मेट ईश्वरसिंह से पूर्व में किये कार्य की नाप, प्रति दिन की टास्क, श्रमिके के छाया, पानी, मेडिकल किट के बारे में जानकारी प्राप्त की गई। श्रमिको से पूर्व पखवाडो में टास्क कितनी प्राप्त हुई पर पूछा। श्रमिको ने बताया कि पूर्व में 150 रूपये प्रति दिन प्राप्त हुए है। इस पर जिला कलक्टर ने कम टास्क पर तकनीकी सहायक सुरेश कुमार को नोटिस देने के  निर्देश दिये गये एवं भविष्य में श्रमिको को पांच-पांच के ग्रुप में नियोजित कर प्रति दिन टास्क में सुधार करने को कहा ताकि श्रमिको को पुरा टास्क मिल सके। उन्होंने सहायक अभियन्ता राम लाल जैन को निर्देश दिये गये कि नाडी के आगोर के कार्य में सुधार किया जावे। ताकि नाडी की भराव श्रमता बढ सके।  
  इसी तरह राणीगांव में सुकड़ी नाडी खुदाई कार्य पर कलेक्टर के निरीक्षण के समय 61 श्रमिक उपस्थित पाये गये है। उन्होंने नाडी कार्य पर मेट मोटाराम एवं सुखसिंह से पूर्व में किये कार्य की नाप, प्रति दिन की टास्क, श्रमिके के छाया, पानी, मेडिकल किट के बारे में जानकारी प्राप्त की गई। श्रमिको से पूर्व पखवाडो में टास्क कितनी प्राप्त हुई पूछा, इस पर श्रमिको ने बताया कि पूर्व में 218 रूपये प्रति दिन प्राप्त हुए है। इस पर जिला कलक्टर ने तकनीकी सहायक प्रकाश खत्री के कार्य स्थल पर उपस्थित नही पाये जाने पर इसे गम्भीरता से लेते हुए तुरंत उसे हटाते हुए मुख्यालय जिला परिषद बाड़मेर करने तथा अनुबंध समाप्त करने की कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। साथ ही सहायक अभियन्ता को निर्देश दिये गये कि नाडी के आगोर के कार्य में सुधार किया जावे। ताकि नाडी की भराव श्रमता बढ सके।
    जिला कलेक्टर के निरीक्षण के दौरान मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू एवं अधिशासी अभियंता राजेन्द्र सिंह भी साथ रहे।

शनिवार, 19 फ़रवरी 2022

फिर होगी बिजली महंगी उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा फ्यूल सरचार्ज

जयपुर । छत्तीसगढ़ से राजस्थान सरकार की कोयला खानों पर माइनिंग शुरू करने की अब तक मंजूरी नहीं मिल पाई है । राजस्थान सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि इस देरी के कारण प्रदेश में कुल 7580 मेगावट के थर्मल पावर प्लांट्स में से 4340 मेगावाट के प्लांट्स में बिजली का प्रोडक्शन प्रभावित होने की आशंका है इसी के साथ सरकार के आला अफसरों की अगुवाई में शुक्रवार को हुई बैठक में प्राइवेट कंपनियों से बिजली खरीदने का निर्णय लिया गया है इसके लिए जल्दी ही शॉर्ट टेंडर किया जाएगा । इससे साफ है कि बिजली महंगी जाएगी इसकी भरपाई भी सरकार आम उपभोक्ताओं से करेगी 1.52 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा फ्यूल सरचार्ज महंगा कोयला खरीदने महंगी बिजली खरीदने या ट्रांसपोर्टेशन का ज्यादा खर्च होने पर इसका सीधा भार आम उपभोक्ताओं पर डालने की बिजली कम्पनियों की परम्परा चली आ रही है केन्द्र सरकार और केन्द्रीय कोयला मंत्रालय के नवम्बर 2021 में ही कह देने के बावजूद कोयले का स्टॉक रोड कम टेल मोड से राजस्थान में लाकर मेंटेन नहीं किया गया । राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड और एनर्जी डिपार्टमेंट की टॉप ब्यूरोक्रेसी सर्दियों में आंखें मूंदे बैठी रही । इसका खामियाजा राजस्थान की जनता को फ्यूल सरचार्ज के नाम पर महंगे बिजली बिल के तोट पर भुगतना पड़ सकता है । अबकी बार फ्यूल सरचार्ज भी बढ़कर आ सकता है । जयपुर , अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम्स ने नवम्बर 2021 में प्रति यूनिट 33 पैसे फ्युल सरचार्ज 1 करोड़ 52 लाख बिजली उपभोक्ताओं पर लगाया गया था । इससे एक साल पहले भी 30 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज वसूला गया था । 300 से 900 रुपए तक होगी बिजली उपभोक्ताओं पर एक्स्ट्रा मार मिडिल क्लास घर का उदाहरण लें तो महीने में 350 यूनिट बिजली यूज होने पर उपभोक्ता को करीब 347 रुपए तीन महीने के बिल पर चुकाने होंगे । ज्यादा बिजली कन्ज्यूम होने पर उसी में यह अमाउंट बढ़ता जाएगा । अनुमान के मुताबिक , अकेला • जयपुर डिस्कॉम ही 250 करोड़ रुपए से ज्यादा वसूली करता है । तीनों डिस्कॉग्स 550 से 650 करोड़ रूपए तक वसूलते हैं । उधर , एक दिन पहले पीक आवर्स में 3296 यूनिट बिजली कम पड़ गई तो एक्सचेंज से 114.25 लाख यूनिट बिजली की खरीद करनी पड़ी । बिजली विभाग के एसीएस डॉ सुबोध अग्रवाल ने कहा , छत्तीसगढ़ में खनन स्वीकृति जारी होने और माइनिंग शुरू होने तक ऑप्शनल बंदोबस्त करने में विभाग जुट गया है । दूसरी माइंस से कोयला सप्लाई कराने विदेशों से प्राथमिकता से प्रदेश में कोयला मंगवाने और अन्य राज्यों से बिजली खरीद के कॉन्ट्रैक्ट सहित सभी विकल्पों पर एक साथ काम शुरू कर दिया गया है क्या होता है फ्यूल सरचार्ज राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेरिटी कमीशन हर • साल बिजली खरीद समेत दूसरे खर्चों के केलकुलेशन के बाद बिजली की टैरिफ तय करता है । इसमें कमीशन की ओर से फिक्स कॉस्ट के साथ वेरिएबल कॉस्ट के रूप में बिजली टैरिफ तय होती है वेटिएबल कॉस्ट में कोयला डीजल , ट्रांसपोर्टेशन चार्ज पर हुए खर्चे शामिल होते हैं । इसकी वसूली उपभोक्ताओं से की जाती है । इस फ्यूल सरचार्ज की शुरुआत साल 2009 में राजस्थान में हुई थी । फ्यूल सरचार्ज को हट 3 महीने में बदला जाता है अब बिजली डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनियां महंगे रेट पर खरीदी गई बिजली का डिफरेंस भी फ्यूल सरचार्ज के रूप में वसूल रही हैं । डिस्कॉम में फ्यूल सरचार्ज की कैलकुलेशन का तरीका बदलने से बिजली चोटी का असर भी उपभोक्ताओं पर ही पड़ता है ।

शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2022

सड़क दुर्घटना में घायल युवक के लिए फरिश्ता बनकर आए शिव प्रधान प्रतिनिधि चंद्रप्रकाश जाणी

शिव , शुक्रवार करीब चार बजे के आसपास शिव प्रधान प्रतिनिधि हमेशा की तरह अपने निजी कार्यक्रम अनुसार किसी सामाजिक समारोह में शामिल होने जा रहे थे तभी नागड़दा से पोषाल जाने वाली सड़क पर एक युवक गंभीर घायलावस्था में रोड़ पर तड़फ रहा था । युवक का घर घटनास्थल से मात्र 500 मीटर ही दूर था इसलिए घायल युवक की माँ भी अपने घायल बेटे के पास रोती बिलखती गंभीर घायल बेटे को अस्पताल ले जाने के लिए मदद के लिए पुकार लगा रही थी ,इसी दौरान शिव प्रधान प्रतिनिधि चंद्रप्रकाश जाणी भी उसी सड़क से गुजर रहे थे उन्होंने बिना देरी किए अपने साथियों के साथ मिलकर युवक को अपनी निजी फार्च्यूनर में लेटाकर फौरन जिला राजकीय अस्पताल बाड़मेर लेकर रवाना हुए और उनका प्राथमिक उपचार करवाया । 

रविवार, 13 फ़रवरी 2022

राजस्थान में 60 बजरी खनन क्षेत्रों से रोक हटी

राजस्थान में 60 खनन क्षेत्रों में बजरी खनन के लिए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति जारी

जयपुर-राज्य में नदियों से वैध बजरी खनन के लिए 60 खनन क्षेत्रों के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति जारी हो गई है।   
               अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि अब समूचे प्रदेश में नदियों से बजरी के वैध खनन की राह प्रशस्त हो गई है वहीं बजरी की समस्या का समाधान भी हो गया है। 
               उन्होंने बताया कि अब राज्य स्तर पर आवश्यक औपचारिकताएं पूरे होने के साथ ही प्रदेश में लगभग सभी क्षेत्रों में बजरी का वैध खनन शुरु हो जाएगा ।

सोमवार, 17 जनवरी 2022

ठगी का नया तरीका फेसबुक एकाउंट हैक करके मांग रहे पैसा

साइबर ठग गिरोह ने ठगी का एक और नया तरीका ढूंढ निकाला,होता कुछ यूं है कि ये ठग गिरोह किसी यूजर के फेसबुक एकाउंट को हैक करके और उस एकाउंट के मित्रों को उनसे फ़ोन पे या गूगल पे के जरिए पैसे की मांग यह कहते हुए करते है कि किसी जरूरी काम के लिए पैसों की जरूरत है आप अभी पैसे भेज दो शाम तक रिटर्न कर दूंगा , अपने दोस्त ,परिचित या रिश्तेदार के एकाउंट से मेसेंजर पर आए हुए मेसेज को देखकर कुछ लोग अचानक ठगी करने वाले लोगों के झांसे में आकर पैसा भेज देते है और वो पैसा सीधा ठग गिरोह के पास जाता है न कि मेसेंजर पर पैसा मांगने वाले दोस्त,परिचित के पास । इसलिए सतर्क रहें, सावधान रहें । 

शुक्रवार, 14 जनवरी 2022

ओमिक्रोन का खौफ, सरकारी अफसरों को मुख्यालय नहीं छोड़ने का आदेश

14 जनवरी, जिले में कोरोना की तीसरी लहर और ओमिक्रोन वायरस के मद्देनजर समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों, उपखण्ड अधिकारियों, तहसीलदारों को बिना अवकाश स्वीकृत करवाये मुख्यालय नहीं छोड़ेंने तथा राजकीय अवकाश के दिन भी मुख्यालय पर ही उपस्थित रहने को कहा गया गया।
जिला कलक्टर लोक बंधु ने बताया कि कोविड के नये वैरिएन्ट ओमिक्रोन के संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों की रोकथाम एवं बचाव हेतु महामारी सतर्क-सावधान जन अनुशासन दिशा निर्देश जारी किये गये है जिसकी पालना में वर्तमान में बाड़मेर जिले में कोविड-19 की तीसरी लहर के केस पुनः तीव्र गति से बढ़ने के कारण कोविड वैक्सीनेशन के अधिकतम योग्य लाभार्थियों को लाभान्वित करने एवं संक्रमण के प्रभाव को नियंत्रित रखने के मद्देनजर समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों, उपखण्ड अधिकारियों, तहसीलदारों को निर्देशित किया गया है कि वे जिला कलक्टर से बिना अवकाश स्वीकृत करवाये मुख्यालय नहीं छोड़ेगे। राजकीय अवकाश के दिन भी मुख्यालय पर ही उपस्थित रहेंगे। अवकाश स्वीकृत होने पर अवकाश पर रहने के दौरान वैकल्पिक व्यवस्था होने पर ही प्रस्थान करेंगे।
उन्होने समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे जिला कलक्टर की अनुमति प्राप्त किये बिना अथवा अत्यावश्यक होने पर अतिरिक्त जिला कलक्टर की बिना अनुमति प्राप्त किये अपना मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे। साथ ही अपने अधीनस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी पाबन्द करेंगे कि वे संबंधित नियंत्रण अधिकारी से पूर्वानुमति प्राप्त करने के पश्चात् ही अपना मुख्यालय छोड़ेगे। आदेश की अवहेलना किये जाने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जावेगी।