सोमवार, 13 दिसंबर 2021
शिव प्रधान प्रतिनिधि चंद्रप्रकाश जाणी ने उठाई अकारण विद्युत कटौती के खिलाफ आवाज
शिव प्रधान प्रतिनिधि चंद्रप्रकाश जाणी ने विद्युत विभाग के आला अधिकारियों की मनमानी और विभाग द्वारा की जा रही अनियमित विद्युत कटौती के विरोध में अपनी आवाज उठाई और कनिष्ठ अभियंता भिंयाड़ पर गंभीर आरोप लगाए । उन्होंने चेताया कि समय रहते विद्युत सप्लाई सुचारू नही की तो कनिष्ट अभियंता कैलाश थोरी के खिलाफ भिंयाड़ निगम कार्यालय के समक्ष धरना देकर विरोध दर्ज किया जाएगा । गौरतलब है कि काफी समय से भिंयाड़ और नजदीकी क्षेत्र के ग्रामीण असमय की जा रही कटौती की शिकायत विभाग के अधिकारियों से कर रहे है , उन्होंने बच्चों की शिक्षा प्रभावित होने का हवाला देकर कहा कि कोरोना काल मे 2 साल से बच्चों की शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हुई है और इस बार जब अर्धवार्षिक परीक्षा नजदीक है लेकिन जोधपुर विद्युत वितरण निगम के कर्मचारीयों की मनमाफिक की जा रही बिजली कटौती से बच्चों की परीक्षा की तैयारी पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे है ।
गुरुवार, 9 दिसंबर 2021
स्वच्छता की सीख देने वाले विद्यालयों की ये हालत ?
शिव तहसील की ग्राम पंचायत पोषाल के राजकीय उच्च माद्यमिक विद्यालय पोषाल में बने शौचालयों की गंदगी ब्लॉक के सरकारी शौचालयों की सफाई व्यवस्था को आइना दिखा रही हैं। बच्चों को शिक्षा से मिलने वाली साफ-सफाई की सीख स्कूल में बेमानी हो गई है। स्कूल में शौचालयों की हालत बदतर है। शिक्षकों के वेतन पर मासिक करोडों से अधिक खर्च करने वाले बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में सफाई कर्मचारी की कमी है। सरकार द्वारा विद्यालयों में बच्चों को किताबी शिक्षा के साथ ही स्वच्छता और साफ सफाई का पाठ पढ़ाया जाता है। वहीं विद्यालय के शौचालय में ही गंदगी का अंबार है और शिक्षक सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठा रहे हैं। यह हाल तब है जब कोरोना जैसा संक्रामक रोग तेजी फैल रहा हैं। गंदगी की भरमार कभी भी बच्चों में संक्रामक रोगों का कारण बन सकती है। उसके बाद भी सफाई न कराया जाना अभिभावकों की चिंता बढ़ाए है। सरकार द्वारा शौचालय सफाई एवं अन्य गतिविधियों के खर्च का बजट स्कूल को दिया जाता हैं पर विद्यार्थियों की अनुशासनहीनता और शिक्षकों के सफाई व्यवस्था पर ध्यान न देने से विद्यालय के शौचालय में बने यूरीनल्स में रखी ईंटे और पास पसरा गंदगी का ढ़ेर व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा हैशौचालय में लगाए गए वाल हेंगिंग यूरिनल में रखी ईंटें
दोनो यूरिनल उपयोग में लिए जाते है पर सफाई की जगह शरारत ।
गुरुवार, 2 दिसंबर 2021
फतेह खान तीसरी बार बाड़मेर कांग्रेस जिलाध्यक्ष बनाए गए , समर्थकों में खुशी की लहर
कांग्रेस ने बाड़मेर जिलाध्यक्ष फतेह खान पर भरोसा जताते हुए तीसरी बार जिलाध्यक्ष बनाया है। फतेह खान जुलाई 2011 में पहली बार कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बने थे। जिला अध्यक्ष के नाम की घोषणा होने के बाद से कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष फतेह खान को फोन पर सोशल साइट्स पर बधाई दे रहे हैं।
मारवाड़ कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है। पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी के भरोसेमंद माने जाने वाले फतेह खान को हाईकमान ने तीसरी बार जिलाध्यक्ष बना दिया है। फतेह खान का नाम पहले से ही तय माना जा रहा था क्योंकि उनके नाम पर बाड़मेर में किसी भी कांग्रेस के विधायक से लेकर मंत्री को आपत्ति नहीं थी। इसके चलते फतेह खान की घोषणा पहली लिस्ट में कर दी गई है।
दावेदारों में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष फतेह खान जिला परिषद के सदस्य भी रह चुके है। फतेह खान के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी विधानसभा 2018 चुनावों के बाद से लगातार बाड़मेर जिले में एक के बाद एक जीत हासिल की है। वर्तमान में फतेह खान के नेतृत्व में ही दो विधानसभा चुनाव लड़े गए है। 2013 विधानसभा चुनाव में जिले की सात सीटों में से 1 सीट जीत पाई थी। इसके बाद पंचायती राज व नगर परिषद चुनावों में जीत दर्ज की थी। वर्ष 2018 का विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 6 सीटे जीती थी। नगर परिषद, पंचायती राज चुनाव में पार्टी ने जीत हासिल की थी। हालांकि लगातार दो लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।गौरतलब है कि बीते दो-तीन दशक से बाड़मेर कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद मुस्लिम चेहरा ही रहा है। जिलाध्यक्ष फतेह खान से पहले हाजी उस्मान थे। इससे पहले कांग्रेस के जिलाध्यक्ष स्वर्गीय अब्दुल हादी थे।
शुक्रवार, 26 नवंबर 2021
उल्टा पड़ता दिख रहा बिल वापसी का दांव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब तीन कृषि बिल वापसी की बात सोची होगी, तो कल्पना की होगी कि वे जैसे ही टीवी पर आकर बिल वापसी का ऐलान और किसानों से वापस लौट जाने की अपील करेंगे किसान उनकी जय-जयकार करते हुए वापस लौटने लगेंगे। आनन-फानन में दिल्ली के चारों तरफ की सड़कें खाली हो जाएंगी। उनका गुणगान होगा वगैरह-वगैरह...। मगर जो कल्पना की थी, वैसा कुछ नहीं हुआ बल्कि उल्टा हुआ जिसके बारे में सोचा तक नहीं था। जब किसानों से पूछा गया कि अब तो खुश हैं, वापस जाएंगे या नहीं, तो किसानों ने प्रधानमंत्री मोदी पर अविश्वास जताते हुए कहा कि उनकी टीवी पर कही बातों पर हम यकीन नहीं करते। बताइये पंद्रह लाख रुपये मिले किसीको? धन्यवाद देना और जयकारे लगाना तो दूर किसानों ने उन्हें ही झूठा और वादाफरामोश साबित कर दिया। तीनों कृषि बिल वापसी के ऐलान के बाद भी किसानों का आंदोलन में डटे रहना मोदी की साख के लिए इतना ज्यादा घातक है कि सोचा भी नहीं जा सकता।
लोग सवाल उठाएंगे कि अब तो कृषि बिल वापसी का ऐलान हो गया, अब किसान वापस क्यों नहीं जा रहे। जवाब मिलेगा कि इन्हें प्रधानमंत्री की ज़ुबान पर भरोसा नहीं है, जब तक संसद में बिल वापस नहीं हो जाता तब तक हम नहीं हिलेंगे। यानी किसानों को डर है कि ये शख्स बिल वापसी का ऐलान करके हमें घर भेज सकता है, हमारा आंदोलन खत्म करा सकता है और फिर बिल वापस भी नहीं लेगा। प्रधानमंत्री की विश्वसनीयता पर इससे बड़ा सवाल कोई हो ही नहीं सकता कि वे खुद आए, खुद ऐलान किया, तब भी किसान कह रहे हैं कि नहीं पहले संसद में वापस लो, तुम्हारा क्या भरोसा। और उनके पास दलील यह है कि पहले के वादे कौनसे पूरे हुए?
भाजपा और संघ के लिए यह चिंता का सबसे बड़ा विषय होना चाहिए कि उनके सबसे बड़े पोस्टर बॉय की इमेज पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। उसे जनता फरेबी और झूठा समझने लगी है। उसकी किसी बात पर किसी को भी विश्वास नहीं है। तो सबसे पहली बात यह कि बिल वापसी के ऐलान का वैसा स्वागत नहीं हुआ जैसे स्वागत की अपेक्षा थी। देश की जनता यही अनुमान लगा रही है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में हार का खतरा टालने के लिए यह दांव चला गया है।
दूसरा सवाल यह कि क्या बिल वापसी के ऐलान के बाद यूपी, पंजाब, उत्तराखंड और हरियाणा में भाजपा नेताओं का विरोध कम हो जाएगा? फिलहाल कई जगहों पर भाजपा नेताओं की हालत अछूत की सी है। उन्हें शादियों तक में नहीं बुलाया जा रहा। कोई भी समारोह हो, विरोध करने किसान पहुंच जाते हैं। लखीमपुर में और क्या हुआ था? कृषि बिल वापसी के बाद क्या भाजपा के नेता जनता के बीच जा पाएंगे? इसका जवाब आने वाले कुछ दिनों में हमें मिलने वाला है।
बिल वापसी का दांव उल्टा इसलिए भी पड़ा क्योंकि किसानों की मांग केवल बिल वापसी ही नहीं थी। अगर घोषणा करने आए थे तो कहना था कि सभी मांगे मान रहे हैं। एमएसपी वाली मांग, बिजली अधिनियम में बदलाव की मांग समेत सभी मांगे मानते हुए उन्हें यह ऐलान भी करना था कि किसानों पर लगाए गए सभी केस वापस लिये जाएंगे। उन्होंने होमवर्क नहीं किया। किसानों के मन को नहीं समझा। कम से कम इतना बड़ा निर्णय लेने से पहले किसानों को भरोसे में लेते, चर्चा करते। मगर वो सब तो जैसे आता ही नहीं है।
किसान जानते हैं कि इतना बड़ा और ऐसा एतिहासिक आंदोलन बार बार खड़ा नहीं होता। सरकार एक बार झुकी है तो सारी मांगे मनवानी ही होंगी। इस समय सरकार को जितना दबाया जा सकता है, उतना और कभी नहीं। इस दांव को इसलिए भी हम उल्टा पड़ना कह सकते हैं क्योंकि वो कैडर नाराज है, जो मोदी को भगवान से भी दो उंगल ऊपर समझता है। उस मासूम कैडर को यही समझाया गया था कि ये किसान नहीं गुंडे हैं और उसकी तकलीफ है कि आप गुंडों के समक्ष क्यों झुके? वो निराशा में बागी हो रहा है और उसे संभालना मुश्किल पड़ रहा है।
मोदी के पिछले तमाम फैसलों की तरह यह फैसला भी ब्लंडर ही है। फायदा कम और नुकसान ज्यादा। ना किसान खुश, ना कैडर। किसान झूठा कह रहा है और कैडर कायर। छवि धूमिल हुई सो अलग। फर्क यह है कि अब तक उनके गलत निर्णयों से देश को नुकसान होता रहा है। यह पहली बार है जब सीधे भाजपा और खुद उन्हें नुकसान हो रहा है।
शुक्रवार, 19 नवंबर 2021
मंगलवार, 16 नवंबर 2021
पांच अवैध ट्रांसफार्मर जब्त कर 7.80 लाख का जुर्माना वसूला ।
बाड़मेर
गुड़ामालानी के विभिन्न ईलाको में अधिषाशी अभियंता ने की सघन सतर्कता जांच, विद्युत चोरो के खिलाफ कार्यवाही होगी ओर सख्त।
जिले में विद्युत छीजत के साथ ही यकायक बेतहाशा विद्युत खपत बढ़ने पर डिस्काॅम द्वारा विद्युत चोरो के खिलाफ सख्त अभियान छेड़ा गया हैं। इसके तहत सोमवार को गुड़ामालानी अधिषाशी अभियंता भैराराम चौधरी द्वारा पांच स्थानों पर अवैध ट्रांसफाॅर्मर जब्त कर सतर्कता जांच प्रतिवेदन भरे गए।
यह जानकारी देते हुए जोधपुर डिस्काॅम बाड़मेर के अधीक्षण अभियंता अजय माथुर ने बताया कि जिले में यकायक बढ़ी विद्युत खपत एवं छीजत के मद्देनजर सघन सतर्कता जांच करने के निर्देष प्रबंध निदेशक जोधपुर से प्राप्त हुए थे। इसको देखते हुए सभी अधिशाषी अभियंता, सहायक अभियंता एवं कनिष्ठ अभियंताओं को सघन सतर्कता जांच के निर्देश के साथ ही लक्ष्य दिए गए। इसके तहत सोमवार को गुड़ामालानी के अधिशाषी अभियंता भैराराम चौधरी ने एड छोटू में कृषि उपभोक्ता मोहनलाल पुत्र मंगलाराम के यहां पर अवैध माॅडीफाईड ट्रांसफाॅर्मर से एलटी लाईन एक फेज पर अंकुड़िया लगाकर थ्री फेज कन्वर्ट कर 20 एचपी की मोटर लगाकर कृशि कार्य करते हुए पाए जाने पर अवैध माॅडिफाईड ट्रांसफाॅर्मर जब्त किया गया एवं उसके खिलाफ 156074 रूपए का जुर्माना लगाया गया। इसी प्रकार उपभोक्ता ईशराराम पुत्र पूनमाराम निवासी खारकी बेरी द्वारा पर अवैध माॅडीफाईड ट्रांसफाॅर्मर से 11 केवी लाईन एक फेज पर अंकुड़िया लगाकर थ्री फेज कन्वर्ट कर 20 एचपी की मोटर लगाकर कृषि कार्य करते हुए पाए जाने पर अवैध माॅडिफाईड ट्रांसफाॅर्मर जब्त किया गया एवं उसके खिलाफ 156074 रूपए का जुर्माना लगाया गया। इसी प्रकार उपभोक्ता रतनलाल पुत्र जेठाराम निवासी खारकी बेरी द्वारा अवैध माॅडीफाईड ट्रांसफाॅर्मर से 11 केवी लाईन एक फेज पर अंकुड़िया लगाकर थ्री फेज कन्वर्ट कर 20 एचपी की मोटर लगाकर कृषि कार्य करते हुए पाए जाने पर अवैध माॅडिफाईड ट्रांसफाॅर्मर जब्त कर 156074 रुपये जुर्माना लगाया गया। वहीं मंगले की बेरी निवासी गणेशाराम पुत्र लक्ष्मणराम द्वारा अवैध माॅडीफाईड ट्रांसफाॅर्मर से 11 केवी लाईन एक फेज पर अंकुड़िया लगाकर थ्री फेज कन्वर्ट कर 20 एचपी की मोटर लगाकर कृषि कार्य करते हुए पाए जाने पर अवैध माॅडिफाईड ट्रांसफाॅर्मर जब्त कर 156074 जुर्माना लगाया गया। इसी प्रकार चैनाराम पुत्र शिवजीराम निवासी मंगले की बेरी द्वारा अवैध माॅडीफाईड ट्रांसफाॅर्मर से 11 केवी लाईन एक फेज पर अंकुड़िया लगाकर थ्री फेज कन्वर्ट कर 20 एचपी की मोटर लगाकर कृषि कार्य करते हुए पाए जाने पर अवैध माॅडिफाईड ट्रांसफाॅर्मर जब्त कर 156074 रुपये जुर्माना लगाया गया। इस प्रकार पांच उपभोक्ताओं के खिलाफ 780370 रूपए का जुर्माना लगाया गया। वहीं अर्जुन की ढ़ाणी निवासी जेसाराम पुत्र गोमाराम एक कनेक्शन पर टू पम्प लगाकर विद्युत दुरूपयोग करते हुए पाए जाने पर उसके खिलाफ जुर्माना लगाया गया।
ग्रामीणो ने बंधक बनाने की कोशिश कीः
सोमवार को गुड़ामालानी के अधिशाषी अभियंता भैराराम चौधरी द्वारा सतर्कता जांच एवं अवैध माॅडिफाईड ट्रांसफाॅर्मर जब्त करने की कार्यवाही के दौरान एक स्थान पर ग्रामीणों ने सतर्कता जांच दल का घेराव कर बंधक बनाने की कोशिश की। लेकिन समय रहते अधिशाषी अभियंता द्वारा उच्चाधिकारियों को मामले की सूचना देने पर जिला मुख्यालय से विद्युत चोरी निरोधक पुलिस थाने से पुलिसकर्मियों सहित सतर्कता जांच दल भी मौके पर पहुंचा एवं सतर्कता अधिकारी को फ्री कराते हुए दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की गई।
सोमवार, 15 नवंबर 2021
AIMIM की राजस्थान में एंट्री,2023 विधानसभा में उतारेगी अपने प्रत्याशी
बिहार और उत्तर प्रदेश के बाद अब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM अब राजस्थान में भी चुनाव लड़ेगी. राजस्थान में साल 2023 के आखिर में चुनाव होने हैं. ओवैसी ने कहा है कि पार्टी में राजस्थान यूनिट की औपचारिक शुरुआत जल्द ही की जाएगी. ओवैसी ने कहा, हमने अगले एक से डेढ़ महीने में राजस्थान में पार्टी लॉन्च करने की योजना बनाई है. चूंकि हम पार्टी को राजस्थान में लॉन्च कर रहे हैं तो आगामी विधानसभा चुनाव भी लड़ेगी.
ओवैसी ने कहा, हम राजस्थान में जिम्मेदार लोगों से बातचीत करेंगे उनसे मशविरा करेंगे और बहुत से लोगों को जोड़ने के प्रयास करेंगे और उसके बाद फिर पार्टी का काम शुरू हो जाएगा. जब ओवैसी से पूछा गया कि वे राजस्थान में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे तो उन्होंने कहा, 'जाहिर है पार्टी को लॉन्च करेंगे तो चुनाव लड़ने के लिए करेंगे. मगर अभी तो लॉन्च होने दीजिए. हम अभी तो उत्तर प्रदेश के चुनाव में व्यस्त हैं. एक डेढ़ महीने के अंदर सही तस्वीर सामने आ जाएगी.'
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