ओपीडी में डॉक्टर नहीं होने की वजह से भीड़ ज्यादा बढ़ गई और मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा । सोनोग्राफी कक्ष के बाहर भी मरीजों की संख्या ज्यादा थी और कक्ष के मुख्य द्वार पर एक सूचना चस्पा की हुई थीं की आज डॉक्टर मीटिंग में होने की वजह से सोनोग्राफी नहीं हो पाएगी ।
बीमार लोगों को सरकार की तरफ से मिल रहे फ्री जांच से वंचित रहना पड़ा ।
बीमारियों के दौर में इस तरह की लापरवाही कई प्रकार के सवाल खड़े करती है।