गुरुवार, 31 जनवरी 2019

सरकारी अस्पताल में लापरवाह कर्मचारी , मरीज परेशान ।

बाड़मेर । शरद मौसम के चलते जहां एक और बीमारियों ने जोर पकड़ रखा है वहीं जिले के सरकारी अस्पताल में कर्मचारी भी समय पर अपना काम नहीं कर रहे है । मातृ एवं शिशु रोग अस्पताल में गुरुवार को बारह बजे तक ओपीडी में सिर्फ एक डॉक्टर ही सेवाएं दे रही थी , बाकी डॉक्टर के बारे में जानकारी मिली कि वो किसी डॉक्टर के रिटायरमेंट समारोह में शामिल होने गए है ।
ओपीडी में डॉक्टर नहीं होने की वजह से भीड़ ज्यादा बढ़ गई और मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा । सोनोग्राफी कक्ष के बाहर भी मरीजों की संख्या ज्यादा थी और कक्ष के मुख्य द्वार पर एक सूचना चस्पा की हुई थीं की आज डॉक्टर मीटिंग में होने की वजह से सोनोग्राफी नहीं हो पाएगी ।
बीमार लोगों को सरकार की तरफ से मिल रहे फ्री जांच से वंचित रहना पड़ा ।
बीमारियों के दौर में इस तरह की लापरवाही कई प्रकार के सवाल खड़े करती है।

बाङमेर में मौसम बदला कई जगहों पर बूंदाबांदी ।

बाङमेर । पिछले तीन दिनों से चल रही शीतलहर के बाद अचानक कुछ क्षेत्रों में मध्य रात्रि को बारिश का दौर शुरू हो गया ।
जिले के कई इलाकों मे तीन दिन से बादल छाये हुए हैं । दिन भर चली चौतरफा ठण्डी हवाओं और मध्य रात्रि को आई बारिश की वजह से ठंड एक बार फिर बढ गई है । ठंडे मौसम मे कई प्रकार के रोगों के जीवाणु सक्रिय हो जाते हैं, इसलिए बीमारियों की आशंका और भी बढ़ गई है , गौरतलब है कि प्रदेश में इस साल स्वाईन-फ्लू कहर बरपा रहा है,और इसका भी वायरस ठण्डे मौसम में ज्यादा सक्रिय हो जाता है,  इसलिए सजग रहें और सुरक्षित रहें ।

सोमवार, 7 जनवरी 2019

थार में ठिठुरन का दौर जारी, जनजीवन प्रभावित

बाङमेर । जम्मू और कश्मीर में हुई बर्फबारी का असर अब थार के रेतीले धोरों मे भी दिखने लगा है ।
पहले ही दिन कोहरे के कारण  लोगों के साथ साथ परिंदे भी अपने-अपने आशियानों मे दुबके रहे ।
पश्चिमी विक्षोभ अब पश्चिमी राजस्थान, जम्मू कश्मीर व हिमाचल के अलावा आसपास के प्रदेशों की तरफ बढ़ने लगा है। इसके चलते हल्के बादल छाए रहेंगे, जिससे दिन का तापमान घटेगा और दिन में सर्दी का असर ज्यादा महसूस होगा। हवाओं की गति 3 से 8 किलोमीटर प्रतिघंटा तक रहेगी और तापमान भी मौजूदा परिस्थितियों के अनुरूप ही रहेगा।

मंगलवार, 16 अक्तूबर 2018

बैनीवाल बन सकते है कांग्रेस और भाजपा के लिए दीवार 

खींवसर विधायक हनुमान बैनीवाल इस बार शिव से अगर अपना उम्मीदवार मैदान में उतारते हैं तो कांग्रेस और भाजपा दोनों को अपूर्व नुकसान झेलना पङ सकता है। दलितों की कांग्रेस के प्रति नाराजगी बैनीवाल के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
जहाँ एक और किसानों के हितैषी बैनीवाल होंगे तो दूसरी और लोगो के  दिलों के बजाय दिमाग पर राज करने की चाह रखने वाले कांग्रेस उम्मीदवार।
अंग्रेजी शब्द वाल का अर्थ दीवार है और जिस तरह केजरीवाल दिल्ली में दीवार बने ठीक उसी तरह बैनीवाल और उदाराम मेघवाल भी दोनो  पार्टीयों के लिए  दीवार बनेंगे।

शुक्रवार, 5 अक्तूबर 2018

सङक नवीनीकरण के नाम पर घोटाला, खुलेआम नियमों की अवहेलना।

शिव (बाङमेर) कुछ दिन  पूर्व खारिया तला से पोषाल सङक का नवीनीकरण का काम पूरा कर दिया गया।
परन्तु नियमानुसार जो काम होना था वो हुआ नहीं।
सङक का डामरीकरण तो हो गया परन्तु डामर की पटल के दोनों ओर जो छ फुट की ग्रेवल पटरी होती हैं उस पर जरा सा भी ध्यान नहीं दिया गया।
ग्रेवल पटरी और डामर परत के लेवल को मिलाया नहीं गया जिससे सङक  डामर परत की किनारों से टूटना शुरू हो गई है।
ग्रेवल पटरी के गड्ढों को भरा नहीं गया , पानी की पाइपलाइन बिछाने के लिए ग्रेवल पटरी को खोदा गया जिसकी खाई भी ठेकेदार ने सही से नहीं भरवाई जिसकी गहराई से कभी भी बङा हादसा हो सकता है।

शुक्रवार, 10 अगस्त 2018

व्हाट्स एप्प से आए मेसेज को फेसबुक मैसेंजर पर भेजने से बन्द हो रहा है फेसबुक अकाउंट।

इन दिनों व्हाट्स एप्प पर एक ऐसा मेसेज वायरल हो रहा है जिसको अगर आप फेसबुक मैसेंजर के जरिए किसी दूसरे मित्र को भेजेंगे तो आपका फेसबुक अकाउंट बन्द हो जाएगा ।
मुझे भी इसी तरह का एक मेसेज प्राप्त हुआ था जिसको मैने जैसे ही फेसबुक मैसेंजर पर भेजा उसी वक्त मेरा अकाउंट Disable हो गया।
इसलिए सजग रहें और औरों को भी बतायें।

रविवार, 1 अप्रैल 2018

विद्युत विभाग की अनदेखी के चलते हादसे को न्योता दे रहे तार व क्षतिग्रस्त खम्भे ।

पोषाल । ग्राम पंचायत मुख्यालय से लगभग दो किलोमीटर दूर विद्युत खम्भो पर ढीले तार कई दिनो से हादसे को न्योता दे रहे हैं,  विभागीय कर्मचारी रखरखाव कार्यक्रम चलाकर खानापूर्ति कर रहे है।
सिर्फ 200 मीटर के दायरे में ही ढीले तार और क्षतिग्रस्त खम्भे है। तार पेङो को छू रहे है और क्षतिग्रस्त खम्भे सिर्फ बैलेंसिग तार के जरिए खङे है।
कई बार सूचित करने पर भी ध्यान नहीं दिया गया।
जिससे वर्षा ऋतु में दुर्घटना की आशंका और भी बढ़ जाती है।