शिव । अकाल की आहट के बीच पशुधन के चारे की उम्मीद लिए बैठे किसानों की निगाहें सितंबर मे सक्रिय मानसून पर थी ,जो फिलहाल टूटती नजर आ रही है ।सितम्बर की शुरुआत हल्की बूंदाबांदी से हुई जोकि पशुपालकों के लिए अच्छे संकेत नहीं है । पर्याप्त बरसात न होने के कारण बुवाई के समय बोई हुई फसलें भी अब आधी से ज्यादा जल चुकी है । पश्चिमी राजस्थान एक बार फिर भीषण अकाल का सामना करने जा रहा है ।
बुधवार, 1 सितंबर 2021
सोमवार, 28 सितंबर 2020
धन्यवाद पोषाल .....
गाँव बस पांच साल में एक बार अपना हक़ मांगता है और ये हक़ हर पांच साल बाद हमको हमारा संविधान देता है कि जिस गाँव से तुम्हारी पहचान है उस गाँव के निर्माण में तुम आज भागीदारी ले सकते हो "चुनाव"
"गाँव"के नाम में ही खुबसुरती हुआ करती है जो हर किसी को प्यारी है चाहे वो गाँव का किसान हो या किसी बड़े शहर का आम नागरिक । हर किसी कि गाँव पसंद बन जाता है कारण ये ही कि यहाँ सुकून है, अमन है,चैन है एक दूसरे का ख़्याल रखने वाले लोग हैं । यहाँ आसमान से लेकर मिट्टी के हर कण में समाहित खुशबू गुनगुनाते हुए सब को मोहित करती है, ये ही खुशबू सब को जोड़ कर रखती है,खुशी हो या गम सब को एक रखने का प्रयास करती है, हाँ मतभेद होते हैं जो कि जरुरत है समय कि, जिससे तालमेल बना रहे क्योंकि अति का अर्थ ही अंत है फ़िर चाहे वो आपसी प्रेम कि हो या फ़िर घृणा की । जिस गाँव में हम हैं उसी के नाम से हमारी पहचान है, गाँव ने हमारे लिए बहुत कुछ किया है और आगे भी करता रहेगा बस जरूरत है तो इसकी रीड्ड कि हड्डी को मजबूत बनाये रखने कि । हम उम्र के पड़ाव में चेहरे कि सलवटो व कमर के झुकाव के साथ जरुर बुड्ढे हो जाते हैं मगर ये गाँव हमेशा जवान रहना चाहिए और जब तक हमारी सोच गाँव के प्रति रहेगी ना कि खुद के प्रति तब तक गाँव कि महक यों ही बनी रहेगी जिस गाँव ने हमें इतना कुछ दिया है वो गाँव बस पांच साल में एक बार अपना हक़ मांगता है और ये हक़ हर पांच साल बाद हमको हमारा संविधान देता है कि जिस गाँव से तुम्हारी पहचान है उस गाँव के निर्माण में तुम आज भागीदारी ले सकते हो "चुनाव"
देश कि सब से छोटी ईकाई जिसका फ़ैसला सोच समझ कर करना बेहद जरुरी है व समय कि ये ही माँग है कि जो मजबूत होगा वो ही खड़ा रहेगा
चुनाव सिर्फ़ ये तय नहीं करते कि हमारा सरपंच कौन होगा चुनाव अगले पांच साल का भविष्य तय करते हैं चुनाव तय करते हैं कि गाँव के युवाओं का भविष्य क्या होगा ?
चुनाव ही तय करते हैं कि गाँव के प्रति हमारा कितना प्रेम है |
सोमवार, 31 अगस्त 2020
मेहरबान हुए मेघराज जमकर बरसे बदरा ।
पोषाल और आसपास के क्षेत्रों में इस साल बादल रूठे रूठे से बिन बरसे ही जा रहे थे , हालांकि कहीं कहीं बरसात अच्छी हुई थी पर इतनी भी नहीं कि फसल पकने तक पर्याप्त हो । अगस्त में सक्रिय हुए मानसून ने काफी गांवों के किसानों को मायूस कीया पर उनकी मायूसी इस बार रौनक में बदल गई और रविवार शाम को 4बजे शुरू हुई बरसात देर रात 1 बजे तक चली और पिछले कई दिनों से सूखे पड़े इलाकों को तर बतर कर दिया ।
शुक्रवार, 3 जनवरी 2020
बाड़मेर राजकीय चिकित्सालय में व्यवस्था सुधार के नाम पर मनमानी , भटकने को मजबूर मरीज
बाड़मेर में जिला मुख्यालय पर बने नवनिर्मित राजकीय अस्पताल में बनाए गए नियम कानून आने वाले मरीजों को काफी परेशान कर रहे है। एक और अस्पताल प्रशासन ने वरिष्ठ नागरिकों, वृद्धजनों और महिलाओं के लिए अलग से अस्पताल के अंदर ही मुफ्त दवाइयों के वितरण के लिए दो नए काउंटर खोले वहीं दूसरी और जानकारी के अभाव में पहले से ही मौजूद पुराने अनुबंधित मुफ्त दवा वितरकों के पास जाने वाले महिलाओं और वृद्धजनों को नए काउंटर पर भेजा जा रहा है । नए बने काउंटर नंबर 1A के बाहर साफ साफ लिखा हुआ हैं महिलाओं के लिए पर वहां दवाईयां दी जा रही थी वृद्धजनों और वरिष्ठ नागरिकों को तथा काउन्टर नम्बर 4A के बाहर लिखा हुआ था वरिष्ठ नागरिकों के लिए पर वहां दवाएं दी जा रही थी महिलाओं को । 1A पर जब एक महिला काफी लंबी लाइन में लगने के बाद जब काउन्टर तक पहुुंचीं तो वहाँ खड़े वितरक ने दवाई देने से मना कर दिया , महिला ने काफी अनुुुरोध करने के बावजूद भी दवाइंया नही दी गई अंत मे जब बात बहस तक पहुँची तो उन्होंने ये कह कर मना कर दिया कि आपको जो करना है कर लो यहाँ जो हम चाहेंगे वही होगा । अस्पताल कर्मचारियों का यही रवैया शिक्षित लोगों को भी अनपढों की लाइन में खड़ा करता है ।
शुक्रवार, 8 नवंबर 2019
फिजिशियन सैम्पल बेचकर खुली लूट , नींद में चिकित्सा विभाग और सरकार
बाड़मेर ।( शिव )सर्दी का मौसम शुरू होते ही वायरल बुखार , जुकाम और डेंगू जैसे रोगों के मरीज बढ़ने शुरू हो गये है । मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए चिकित्सा विभाग और सरकार ने भी बचाव,लक्षण और उपचार के निर्देश जारी कर दिए है , ये सब बातें समझ जब आये तब सामने वाला साक्षर और जागरूक हो । ग्रामीण इलाकों में ऐसी भी आबादी बसती है जो आर्थिक और शैक्षिक तौर पर पिछड़ी हुई है जब भी उनके परिवार के किसी सदस्य को स्वास्थ्य संबंधित समस्या हो तब ये लोग निकटवर्ती मेडिकल पर जाते हैं वहाँ पर बैठे नौसिखिया मेडिकलकर्मी इनके सेहत से खिलवाड़ करते है वो तो अलग पर इन्हें फिजिशियन सैम्पल दवाएं मनमाफिक दामों में थमाते है जिन पर कोई एमआरपी दर्ज नहीं होती । ड्रग इंस्पेक्टर और अन्य आला कर्मचारियों की अनदेखी और साठगांठ के चलते आम इंसान लूटा जा रहा है ।
सोमवार, 29 जुलाई 2019
शिक्षक अभिभावक मीटिंग में बताए आत्महत्याओं को रोकने के उपाय
बाड़मेर जिले में पिछले दिनों हुई आत्महत्याओं ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है हर दिन हो रही आत्महत्याओं को मद्देनजर रखते हुए सरकार ने कर्मचारियों को इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने को कहा है , इसी कड़ी में आज ग्राम पंचायत पोशाल में भी स्थानीय विद्यालय में अभिभावक-शिक्षक मीटिंग रखी गयी जिसमे ग्राम के कई लोगों ने भाग लिया । कार्यक्रम को अध्यापक लूम्भाराम ने अपने उदबोधन से शुरू किया जिसमें उन्होंने वर्तमान और पुराने समय की परम्पराओं और रीति रिवाजों में आये बदलावों के बारे में उदाहरण सहित समझाया तथा हर परिस्थिति से लड़ने के लिए प्रेरित किया उन्होंने कहा कि आत्महत्या किसी भी समस्या का हल नहीं है , मनुष्य जीवन बार बार नही मिलता इसे सुदृढ हो कर गुजारें । कार्यक्रम में प्रिंसीपल साहब बृजलाल जी ने भी संबोधित किया उन्होंने आत्महत्या के कारण और रोकने के उपायों के बारे में अवगत करवाया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि शिव तहसीलदार रामसिंह, भाजपा Sc St मोर्चा जिलाध्यक्ष सोनाराम भील, मूलाराम जाणी मौखाब ने भी अपने विचार रखे ।
कार्यक्रम की समाप्ति शिव तहसीलदार के हाथों पौधरोपण करवाकर की गई ।
कार्यक्रम की समाप्ति शिव तहसीलदार के हाथों पौधरोपण करवाकर की गई ।
रविवार, 2 जून 2019
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